अपनी जख्में यु जाया ना करो
मुद्दतों का मरहम लगाया ना करो
अश्क अपने यू जाया ना करो
बुझी पलकोकी दवा पिया ना करो
अपनी तारीख युं जाया ना करो
सदियोंका जहर अब उगला ना करॊ
शौकत खुदाकी युं जाया ना करॊ
बाजुंओको गुलाम-ए- दरींदा बनाया ना करॊ
फरिश्तों के हालांत का कभी तो जायजा करो
दर्द उनके ए संदीप युंही जाया ना करॊ
-संदीप गोडबोले
Sunday, December 27, 2009
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